09 September 2015

मैं तेज़ वो सवार हूँ। युद्ध में प्रचंड हूँ। शांति में अखंड हूँ।

रुकावटे मिली बड़ी, तूफान विकट, आंधी घनी।।

हर मार्ग पर प्रशस्त जो, आज भी सशक्त जो।।

लौह रथ पर सवार, तीव्र लय तांडव करे ।

अनेक अश्व हाथ में, किसी से कभी न डरे।
है वीर जो, जुझार जो, शक्ति की ललकार जो।

मैं तेज़ वो सवार हूँ। युद्ध में प्रचंड हूँ। शांति में अखंड हूँ।

Posted from WordPress for Android By Shashi Kumar (Aansoo)


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on: September 09, 2015 at 11:17PM

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